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Mere Sapane Me | Gitesh Sharma | Varun Kumar

Mere Sapane Me | Gitesh Sharma | Varun Kumar | Pathak Jee


Title : मेरे सपने में
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Film : Mere Sapane Me
Directed by: #GiteshSharma
Written by: Gitesh Sharma 
Voice by : Gitesh Sharma
Edited by: Pathak Jee
Music by: Varun Kumar
Production: Sharmaji Technology Media
Published by RouteNote
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Available on
JioSaavn: https://bit.ly/GSonJioSaavn
Spotify: https://bit.ly/GSonSpotify
Apple Music: https://bit.ly/GSonAppleMusic
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SoundCloud:
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Vlog Videos: Gitesh's Official Vlog
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Story ~ दो दोस्त प्रभात और कुमार ने मिलकर एक कंपनी खोलें जिसमें यह दोनों मिलकर आयात और निर्यात करते थे जिसके कारण ज्यादातर समय यह दोनों एक दूसरे से दूर और अलग अलग शहर में रहते थे ऐसा नहीं कि दोनों में लगा नहीं था। यह महीने में एक सप्ताह साथ ही रहते थे। दोनों एक साथ मस्तीे और पार्टी करते थे, कुमार मस्त मौला लड़का था हमेशा मस्ती में रहता था। काम तो ऐसे करता था,मानो काम कोई खेल हो। प्रभात अच्छा था बात की गंभीरता को समझता था और काम का सबसे ज्यादा जोर प्रभात के पास ही होता था। कोई भी डील साइन करनी हो या फिर कोई प्रोजेक्ट लेना हो तो प्रभाव ही करता था। बाकी काम पूरा करना या ना करना कैसे करना यह कुमार संभालता था। समय बीतता गया और बिजनेस बढ़ता गया। कुमार को दिल्ली पसंद थी बताना उससे क्या लगाओ था दिल्ली से। जब भी कोई दिल्ली से प्रोजेक्ट आता था कुमार सबसे पहले उस में हाथ डालता था कि यह मैं करूंगा। ऐसा ही एक प्रोजेक्ट दिल्ली से आया हुआ था काम यह था कि कुछ कॉन्फिडेंसल डॉक्यूमेंट और कुछ बॉक्स दिल्ली पहुंचाना है। सुबह 10:00 बजे कुमार ने लखनऊ से निकला और लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पकड़ के दिल्ली जाने वाला था। गाड़ी में किशोर दा के "मुसाफिर हूं यारों ना घर है ना ठिकाना" गाना बज रहा था। शाम या रात को यात्रा करना बहुत दिक्कत वाली बात होती है, पर साहब पता नहीं क्या सूझा की हां कर बैठे काम करने के लिए। पिछले महीने जब यह दिल्ली गए थे, तो इन्हें एक गर्लफ्रेंड मिली। ये सब बाते कुमार जी सोच रहे थे। घड़ी में देखा तो शाम के 5:30 हो रहे थे तभी कुछ हथियारबंद डाकुओं ने चारों ओर से कुमार के गाड़ी को घेर लिया। और कुमार से उस कागजात और बॉक्स मांगने लगे। कुमार देने से मना कर दिया। तब एक डाकु कुमार का सर्ट पकड़ कर धमकी दे ही रहा था कि तब तक दुसरे ने उसे गोली मार दी। यह देखते ही प्रभात चिल्लाने लगा उसे छोड़ दो, मत मारे, भगवान से डरो। तभी कुमार ने दरवाजे पर बेल बजाई और बोला प्रभात दरवाजा खोलो। प्रभात अचानक से उठ गया, तब पता चला की वह सपने मे था और उसने कुमार को गले लगाया।     
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About ~
Gitesh Sharma is an author, blogger, storyteller, columnist and founder of Sharmaji Technology Media was born on 26 June 1997 in Howrah, Kolkata, is a leader in the field of search engine optimization tools, resources & community. He is interests range from web development to programming. Most interesting, he is love to write about blogging, SEO to search engines. They have a blog on which they write information from blogging, SEO, web designing to technology. He is top seller author in Google Play.

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उनकी गहरी और नशीली नजरे

सुना है बड़े-बड़े तैराक भी गहरे समुंदर में डूब जाते हैं। मैं तो फिर भी तैरना नहीं जानता था, जितना हाथ-पैर मरता गया, उतना ही उनकी गहरी और नशीली नजरों में डूबता गया.. Suna Hai Bade Bade Tairak Bhi Gahare Samundar Me Doob Jate Hai.  Main To Fir Bhi Tairna Nahi Janta Tha, Jitna Haath Pair Marta Gaya, Unki Gahari Aur Nashili Nazaro Me Doobta Gaya.. By Gitesh Sharma (गीतेश शर्मा). Insta/@giteshsharma_

काश

काश की तुम मौत होती, एक दिन आती जरूर! अफसोस कि तुम जींदगी हो, छोड़ कर जाओगी जरूर|| kaash kee tum maut hotee, ek din aatee jaroor! aphasos ki tum jeendagee ho, chhod kar jaogee jaroor.. ~ Gitesh Sharma, Blogger Instagram , Koo or Twitter / @giteshsharma_

वे कहती हैं, आपसे मिलना है?

तो वे हमसे मिलना चाहती थी, तब ये लिखा था कि -  हम मिलेंगे आपके सपनों और यादों में| हम मिलेंगे किसी दिन, किसी चौराहे पर| हम आपसे मिलेंगे सुनहरी वादियों में, चहचहाते चिड़ियों के बगीचों में, बहते झरनों में, बहते फिजाओं में| अब तो मैं भी, मैं ना रहा, मैं इंतजार करूंगा, तुम आना, मैं मिलूंगा अपने कब्र पर| वह कहती हैं, आपसे मिलना है, तो हां मुझे भी मिलना, इन हवाओं में इन फिजाओं में| ~ Gitesh Sharma ( Insta /@giteshsharma_)  #Poem #Shayari #Love #Ishq