तो वे हमसे मिलना चाहती थी, तब ये लिखा था कि -
हम मिलेंगे आपके सपनों और यादों में|
हम मिलेंगे किसी दिन, किसी चौराहे पर|
हम आपसे मिलेंगे सुनहरी वादियों में, चहचहाते चिड़ियों के बगीचों में, बहते झरनों में, बहते फिजाओं में|
अब तो मैं भी, मैं ना रहा, मैं इंतजार करूंगा, तुम आना, मैं मिलूंगा अपने कब्र पर|
वह कहती हैं, आपसे मिलना है, तो हां मुझे भी मिलना, इन हवाओं में इन फिजाओं में|
~ Gitesh Sharma (Insta/@giteshsharma_)
#Poem #Shayari #Love #Ishq
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