नए भारत के पढ़े-लिखे जातिवाद
Source: U. S. Department of State, Image: Mysore Palace कहते हैं, कि कभी-कभी ज्यादा जानने के लिए एक बार पीछे जाने में कोई बुराई नहीं है| मेरे दादा जी कहते हैं कि जब वह हमारे उम्र के थे तो उन्होंने ऐसे दिन देखे है जिसमें कोई छोटी जाति वाला व्यक्ति है बड़े जाति वाले के घर के सामने से गुजरता है तो पीछे से झाड़ू मारता हुआ चलता है वह इंसान अपने पीछे झाडू बांधा हुआ रहता है क्योंकि जहां वह पांव रखे हैं वहां की सफाई हो सके| उन्होंने यह भी बताया कि कभी-कभी बड़े जाति वाले लोग छोटे जाति वालों को सिर्फ सत्तू देकर ही जमीन लिखवा लिया करते थे| खैर यह तो रही पुरानी बातें जो मेरे दादाज कहा करते थे लेकिन मेरे समय में कुछ कम नहीं है सबसे पहले आप जानिए कि मैं जब आठवीं कक्षा गांव की स्कूल में था तब मेरे गांव में हिंदू या मुस्लिम का कोई भेदभाव नहीं था मेरे दोस्त अली, मेरे घर दुर्गा पूजा छठ दीपावली में आता था और मैं रमजान में उसके घर जाता था उस समय कोई रोक-टोक नहीं था कहते हैं कि शिक्षा देश की भविष्य को लिखता है लेकिन यहां कॉलेज में जो कि एक सरकारी कॉलेज है उसमें जातिवाद देखने को मिलता है फिलहाल वर्तमान...